नई पुस्तकें >> परिवर्तन (नाटक) परिवर्तन (नाटक)शेक्सपियर, रांगेय राघव
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The taming of the shrew का हिन्दी रूपान्तर.....
परिवर्तन शेक्सपियर का एक प्रारम्भकालीन नाटक है। कुछ आलोचकों का मत है कि ऐसा एक नाटक पहले से था, और कुछ का मत है कि शेक्सपियर ने ही पहले इसे छोटा लिखा था। दोनों हालतों में बाद में शेक्सपियर ने ही इसे बड़ा किया, यद्यपि इस विषय में अभी कुछ निश्चय से नहीं कहा जा सकता। अभी तक के प्रमाणों से यही लगता है कि उसने इसे 1594 से पहले ही लिखा होगा। इसके पुराने संस्करणों में न केवल पात्रों के नामों का परिवर्तन मिलता है, अपितु घटनाओं का भी भेद प्राप्त होता है। फिर समानता भी मिलती है। सोलहवीं और सत्रहवीं शती के कई संस्करणों में शराबी ठठेरा आता है, जिसे इसी तरह बेवकूफ बनाया जाता है। आज के दृष्टिकोण से यह बहुत कठोर हृदयहीनता दिखाई देती है कि एक भिखारी से इस तरह का मज़ाक किया जाए, लेकिन उन दिनों इसको बड़ी फ़ैशन की चीज़ माना जाता था। भिखारी को पहले बहुत वैभव में रखकर सो जाने पर फिर बाहर छोड़ आया जाता था और तब उसके आश्चर्य को देखकर धनी लोग हँसा करते थे। शेक्सपियर की अन्तरात्मा सम्भवत: इसे स्वीकार नहीं करती थी, इसीलिए फ़ैशन के नाते, उसने प्रारम्भिक भाग तो स्वीकार कर लिया, परन्तु आगे भिखारी का मज़ाक़ उड़ाया जाना उसकी पुस्तक में नहीं मिलता। इसलिए देखा जाए तो भिखारी की कथा व्यर्थ आती है। उसका आगे कोई सम्बन्ध ही नहीं दिखाई देता। इसीलिए मेरा विचार है कि शेक्सपियर को सम्भवत: यह मज़ाक ज़्यादा पसंद नहीं था।
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